जौनपुर : शाहगंज कोतवाली पुलिस बिना दबाव के नहीं दर्ज करती मुकदमा

जौनपुर : शाहगंज कोतवाली पुलिस बिना दबाव के नहीं दर्ज करती मुकदमा 


बीते आठ महीने में हुई हत्या, लूट, चोरी, अपहरण व दुराचार जैसी घटनाओं की फेहरिस्त है बड़ी लंबी



शाहगंज।
रवि शंकर वर्मा
तहलका 24x7
                             आठ महीने के भीतर क्षेत्र में हुई हत्या, लूट, चोरी, अपहरण व दुराचार की घटनाओं की फेहरिस्त काफी लंबी है। यहां थाने पर सिर्फ और सिर्फ "साहेब" का आदेश चलता है। मातहतों पर कोई भरोसा नहीं। घटना के बाद अधिकारियों के दबाव के बाद ही कार्यवाही होती है।

बड़ी घटनाओं की बात करें तो बीते दस जनवरी को वेस्टर्न यूनियन संचालक एराकियाना मोहल्ला निवासी अरशद अंसारी के साथ इमरानगंज बाजार के पास बदमाशों ने असलहे के बल पर साढ़े सात लाख रुपए लूट लिया। बड़ी घटना में पुलिस ने मामला तो दर्ज किया लेकिन बदमाशों का सुराग न लगने पर कोतवाली पुलिस पीड़ित को ही अभियुक्त बनाने की जुगत में लग गई। पीड़ित को विभिन्न थानों पर यातनाएं दी गई। फिलहाल क्राइम ब्रांच व सर्विलांस टीम की जांच में घटना का मास्टर माइंड प्रभारी निरीक्षक का ही खास निकला।


एक महीने बाद 12 फरवरी को आजमगढ़ जिले के फूलपुर थानांतर्गत बिषेखा गांव निवासी इरफाना को खेतासराय से टेम्पों से शाहगंज लौटते समय मजडीहां मोड़ पर बाइक सवार तीन की संख्या में बदमाशों ने टेम्पों रोककर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के छह महीने बीतने के बाद भी पुलिस को बदमाशों तक पहुंचना तो दूर। घटना के बाबत सवाल पूछने पर अधिकारी बिलबिला जाते हैं।

वहीं बीते 10 मार्च की रात मुजफ्फरपुर गांव में भूमि विवाद में भी पुलिस की निष्क्रियता खुलकर सामने आई। पट्टीदारों से मिल रही धमकी की सूचना को कोतवाली पुलिस ने काफी हल्के में लिया। जिसका परिणाम हुआ कि मनबढ़ पट्टीदारों ने घर पर चढ़कर दो सगे भाई राम उग्र व राम केवल की हत्या को अंजाम दे दिया।


वहीं पांच मई को भादी मोहल्ला निवासी फरहान अहमद का शव ताखा पश्चिम स्थित रेलवे ट्रैक के पास मिला। कोतवाली पुलिस ने इस हत्याकांड को ट्रेन दुर्घटना साबित करने का भरसक प्रयास किया। काफी दबाव पर पखवरेभर बाद पुलिस ने केस दर्ज किया। जांच में हत्या का खुलासा हुआ। एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

बीते 27 जुलाई को पट्टी चकेसर गांव निवासी मनोज चौहान पुत्र सीताराम की हत्या कर घर से आठ सौ मीटर दूर खेत में फेकी लाश मिली। मामले में पुलिस ने दबाव बनाकर अपनी मर्जी के अनुसार प्रार्थना पत्र लिखवाया। इसमें भी काफी दबाव के बाद ही केस दर्ज हो सका। 


वहीं 28 जुलाई की सुबह शाहपंजा मोहल्ला निवासी अध्यापक फूलकुमार प्रजापति ने आत्म हत्या कर लिया। सुसाइड नोट में दहेज के लिए परिजनों के प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए अपने एक भाई व दो बहनों को जिम्मेदार ठहराया। जिसमें पुलिस ने पहले तो सुसाइड नोट को ही गायब करने की जुगत लगाई। लेकिन सोशल मीडिया पर फजीहत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी भाई को गिरफ्तार कर जेल भेजा। जबकि मामले में दो आरोपी बहनों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।

वहीं 19 अगस्त को क्षेत्र के एक गांव में शौच से लौट रही महिला के साथ दुष्कर्म की घटना को पुलिस ने प्रेम प्रपंच की कहानी गढ़ने का प्रयास किया। एसपी के निर्देश पर केस दर्ज किया गया। इसी दिन स्कूल से घर जा रही कक्षा चार की छात्रा को बुलेरो सवार बदमाशों ने अपहरण किया। जौनपुर की ओर ले जाते समय खेतासराय में चेकिंग देख बदमाश छात्रा को छोड़कर भाग गए। घटना में परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई, जिसके बाद केस दर्ज हो सका। लेकिन बदमाश नहीं पकड़े जा सके।


फिलहाल शाहगंज कोतवाली पुलिस ने बाइक चोरी और छोटे अपराध दर्ज न करने की मानो कसम खा रखी है। बड़ी चोरियां व घटनाएँ दर्ज होती हैं, लेकिन उनके खुलासे की उम्मीद करना मानों नदी के दोनों किनारों को मिलाने की बात करना हो.... 

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